संविधान की संशोधन प्रक्रिया-अनुच्छेद 368
अन्य देशों के संविधान के समान भारतीय संविधान में भी परिस्थिति और आवश्यकता के हिसाब से उसे संशोधित और व्यवस्थित करने की व्यवस्था है...
अन्य देशों के संविधान के समान भारतीय संविधान में भी परिस्थिति और आवश्यकता के हिसाब से उसे संशोधित और व्यवस्थित करने की व्यवस्था है...
भारतीय नागरिकों के मूल अधिकार और मूल कर्तव्य आपस में जुड़े हुए हैं और इन्हें अलग नहीं किया जा सकता, लेकिन मूल संविधान में...